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मदर्स डे : लेख


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माँ हमारे लिए कितनी अनमोल है जिन्हें शब्दो मे बयाँ नही किया जा सकता ।
माँ शब्द वो सुन्दर अहसास है जिसका अनुभव ही मन में सुकून...
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होली का क्या कहना है : कविता


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रंग रंगीली होली का क्या कहना है ।
यही तो रंगो का गहना है ।।

घर घर में खुशियों का संदेशा लाया है ।
रंगो से रंगा अम्बर सारा है...
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आई रे होली : कविता


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आई रे आई रे होली।
रंगो की बौछार होली।।

मिलकर झूमे नाचे हम।
गीत खुशी के...
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रेडियो : लेख

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एफ.एम रेडियो प्रसारण शुरू होने के साथ ही रेडियो का एक तरह से पुनर्जन्म हुआ । एफ.एम रेडियो प्रसारण की शुरुआत 1977 से मद्रास में हो चुकी थी । इसमें अब तक के प्रसारणों से स्पष्ट और बेहतर आवाज़ थी । 1993 में पहली बार पांच शहरों के लिए टाइम स्लांट बेचे गये वहीँ 1999 में निजीकरण के लिए फेज वन पॉलिसी घोषित की गई तथा 90 शहरों में 336 चैनल 10 सालो के लिए वैध प्रसारण लाइसेंस ...

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दीवाने गरीबी के : व्यंग्य

किस किस से बात करे, किसे क्षमा करे, किसे भूले किसे याद करें? उपरोक्त वाक्य मात्र एक कल्पना है,लेकिन हकीकत ये भी है कि गरीबी है! शत प्रतिशत है, जिसे लोग देश से दिमाग से दिल से भुला देना चाहते है "शब्दकोष" से हटा देना चाहते है, "नफरत ही सही लेकिन चाहत तो है, मोहब्बत तो है, "बेचारी मासूम गरीबी" से ! कैसे भुला पायेंगे...

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ऋतु बसंत बहार ले आई : कविता


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ऋतु बसंत बहार ले आई ।
धरती पर सरसों लहराई ।।

अमुआ की डाली बौर से छाई ।
कोयल ने आवाज लगाई...

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सावन की ऋतु खुशियां लाई :कविता


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सावन की ऋतु खुशियां लाई ।
हरी-भरी हरियाली छाई ।।

पेड़ो की डाली लहराई ।
सखियों ने झूला ....

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रिमझिम बारिश मन को भायी : कविता


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रिमझिम बारिश मन को भायी,
धरती पर हरियाली छाई,
कलियों ने पंखुड़ियाँ खोली ।
कोयल कुहू-कुहू बोली...

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खूबसूरत पर्यटन स्थलों का शहर : लेख


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भोपाल और इसके आसपास कई पर्यटन स्थल है....
आईये जानते है भोपाल और इसके आसपास के दर्शनीय स्थलों के बारे में :-

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हिंदी जोक्स


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बहन: मैंने अभी फ्रीज़ से पानी की बोतल निकाल कर रखी थी, इसमें से पानी कहाँ चला गया ??
.
भाई: गर्मी इतनी बढ़ गयी है, पानी उड़ गया होगा ...

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दिवाली की खरीददारी : व्यंग्य


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मैने लाख कोशिश की, कि मैं पत्नी का ध्यान उस खरीदी वाले मुद्दे पर न जाने दूं । परन्तु मेरी कोशिश नाकाम रही और पत्नी ने मुझसे भी वो कठिन सवाल पूछ ही लिया ... "हम इस साल दीवाली की खरीददारी में क्या लेंगे ?" उसके इस सवाल पर में चुपचाप सोचने लगा हम क्या खरीद सकते है, और मेरे चुप रहने पर पत्नी ने पुन: वही दर्द देने वाला प्रश्न दोहराया, हम इस बार दीवाली पर क्या लेंगे ,क्या खरीदेंगे मैं अभी उत्तर सोच ही रहा था की तभी स्कूल से लौट कर आये मेरे आट साल के बेटे ने बीच में कहा...

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वन्य प्राणी सप्ताह : लेख


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  वन्य जीवन प्रकृति का अनमोल तोहफा है, जो मानव जाति के लिए अति आवश्यक है। विलुप्त होती वन्य जीव प्रजाति को बचाने के लिए वर्ष 1952 में भारत सरकार ने भारतीय वन्यजीव बोर्ड (IBWL) की स्थापना की, यह वन्य जीव संरक्षण हेतु जनता को जागरूक करने के लिए निरंतर कार्यरत है । 7 जुलाई 1955 में वन्यप्राणी दिवस मनाया गया और यह निर्णय लिया गया की प्रत्येक वर्ष अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में वन्यप्राणी सप्ताह मनाया जाये । जिनके प्रमुख उद्देश्य... 

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अंधेरे में चारों ओर माँ : कविता


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अंधेरे में चारों ओर माँ के गर्भ में तैरना,
रोज माँ से पूछना, प्य़ार करती हो न मुझसे ।
रोज ठंडे हाथों से छूकर माँ का बताना,
कितना प्यार है ...

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एक पिता का स्नेह : कविता


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एक पिता का स्नेह है बेटी,
एक खिलखिलाती मुस्कान है बेटी।
एक गीत का मीठा संगीत है बेटी,
हर जोशीला जीवंत ...

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