Just Try Art


B L O G

JUST TRY ART

खूबसूरत पर्यटन स्थलों का शहर भोपाल

भोपाल शहर की स्थापना 11 वी सदी में राजा भोज द्वारा की गई थी। तब शहर भोजपाल के नाम से जाना जाता था। वर्तमान शहर भोपाल की स्थापना अफगान योद्धा दोस्त मोहम्मद खान ने (1708-1726) की थी। 1 नवम्बर 1956 को इसे मध्यप्रदेश की राजधानी और 1972 में जिला घोषित किया गया। भोपाल अपने प्राकृतिक सौन्दर्य, ऐतिहासिक महत्त्व, सांस्कृतिक विरासत और आधुनिक शहरीकरण का अनूठा मिश्रण है।

झीलों के शहर के रूप में प्रसिध्द भोपाल में छोटी-बड़ी लगभग 17 झीलें है। बड़ी झील जिसे भोजताल के नाम से भी जाना जाता है, यह शहर का मुख्य आकर्षण है। यह एशिया की सबसे बड़ी कृत्रिम झील है जो भोपाल निवासियों के पीने के पानी का मुख्य स्त्रोत भी है।

पर्यटन की दृष्टी से भोपाल का विशेष महत्त्व है यह भारत के पसंदीदा पर्यटन स्थलों में से एक है। यहां विभिन्न प्रकार के दर्शनीय स्थल है जो भोपाल की अलग पहचान बनाते है। भोपाल और इसके आसपास कई पर्यटन स्थल है जिसमें पिकनिक स्पॉट, ऐतिहासिक इमारते, संग्रहालय, झीलें, मंदिर, लाईब्रेरी, बहु कला केंद्र, प्राकृतिक सौंदर्य, वन्यजीव पार्क, प्राकृतिक बांध, उद्यान, गुफाएं आदि है जो अपने महत्त्व और खूबसूरती से पर्यटकों को आकर्षित करते है। यहां हर साल हजारो-लाखो की तादाद में पर्यटक सैर करने आते है। भोपाल एक आकर्षक पर्यटन स्थल है जिसकी यात्रा अवश्य करना चाहिए। इसे ग्रीन सिटी के रूप में जाना जाता है और अब यह स्मार्ट सिटी भी बनने जा रहा है। आईये जानते है भोपाल और इसके आसपास के दर्शनीय स्थलों के बारे में :-

  1. भारत भवन

bharatbhavan
भारत भवन भोपाल का बहु कला केंद्र है जिसे 1982 में स्थापित किया गया। यहां अनेक रचनात्मक कलाओं का प्रदर्शन किया जाता है यह मौखिक, दृश्य और प्रदर्शन कला हेतु गठित किया गया है जो समकालीन अभिव्यक्ति, विचार, खोज संग्रहालय है जिसमें आर्ट्स गैलरी, ललित कला संग्रह, इनडोर-आउटडोर आडिटोरियम, रिहर्सलरूम, भारतीय कविताओं का पुस्तकालय जैसी विधाओं को करीब से जाना जा सकता है। यहां एक आदिवासी संग्रहालय भी है, इसमें कई प्रकार की पेंटिग व मूर्तियां लगी हुई है यहां का प्राकृतिक सौंदर्य इसे और भी भव्य बनाता है साथ ही यह बड़े तालाब के पास स्थित है जिससे आप यहां की ठंडी हवा का आनंद उठा सकते है। श्यामला हिल्स पर स्थित भारत भवन अपनी उत्कृष्टता, स्थापत्य कला, अद्वितीय डिज़ाइन और प्राकृतिक दृश्यों के लिए भी मशहूर है। यहां रंगमंच और कला की गतिविधियां लगातार चलती रहती है, यहां भारी संख्या में पर्यटक आते है।

  2. लक्ष्मीनारायण मंदिर (बिड़ला मंदिर)

laxminarayan
लक्ष्मीनारायण मंदिर की स्थापना 1960 में हुई थी, जिसे बिड़ला मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह सुन्दरता का मनोरम परीदृश्य है। मंदिर के अन्दर विष्णुजी और लक्ष्मीजी की मोहक मूर्ती स्थापित है साथ ही यहां संगमरमर की नक्काशी दर्शनीय है जिस पर गीता व रामायण के उपदेश अंकित है। मंदिर के सामने शिवजी, मांदुर्गा, हनुमानजी की सुन्दर प्रतिमाएं भी विराजमान है और एक विशाल शंख भी दर्शनीय है। दायीं ओर से बाहर देखने पर शहर की प्राकृतिक सुन्दरता नज़र आती है। मंदिर के निकट एक संग्रहालय है जिसमें मध्य प्रदेश के रायसेन, सीहोर, मंदसोर और शहडोल आदि जगह से लाई गई मूर्तियां रखी गई है।

  3. वन विहार

vanvihar
वन विहार राष्ट्रीय उद्यान भोपाल में बड़े तालाब के निकट स्थित है। यह मुख्य आकर्षण केंद्र है। वन विहार 1983 को राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया किया गया था। यहां बाघ, भालू, तेंदुआ, लकड़बग्घा, मगरमच्छ, कछुए, सांप, नीलगाय, हिरन, साम्भर आदि जानवर है। यह एक चिड़िया घर (ज़ू) तथा जंगली जानवरों का बचाव केंद्र (Rescue Center) भी है जिनमें उन जानवरों को रखा गया है जो लावारिस, रोगी, घायल, कमजोर या बूढ़े थे, कुछ सर्कसों से छुड़ाकर लाये गए और कुछ दूसरे प्राणी संग्रहालय से भी लाये गए है।

वनविहार की 5 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए आपको एक ओर हरियाली से भरा पहाड़ तो दूसरी ओर बड़ी झील दिखाई देती है जो खुशनुमा एहसास कराती है जंगल के अन्दर आप पैदल, साइकिल, मोटरसाइकिल, कार से घूम सकते है लेकिन यदि आप पैदल घुमें तो प्रकृति के साथ वन्य प्राणियों का भरपूर आनंद ले सकेंगे चूंकि जानवर शोर से घबराते है तो यदि आप बिना शोर किये घूमें तो जानवरों को अच्छे से देख पायेंगे । सुबह और शाम के समय यहां ज्यादा जानवरों को देखा जा सकता है क्योंकि दोपहर के समय वे आराम फरमाते है।

यहां के सीधे सादे भालू की झलक मनमोह लेती है और बाघ इनकी तो शान ही निराली है। चितकबरी पट्टियों वाला लकड़बग्घा बड़ा मस्त दिखता है और भूरा-पीला फर, अनेकों खोखले काले धब्बो वाला तेंदुआ बड़ा अलबेला है। यहां के छोटे-बड़े सुन्दर कछुए जब पानी से बाहर आते है तो इनकी चमक खूब भाती है और रंगबिरंगी तितलियां मन खुश कर देती है। सांपो में किंग कोबरा के अतिरिक्त यहां विभिन्न प्रजाति के सांप भी है। इसके अलावा यहां सुन्दर सांभर, आकर्षक हिरन, शांत नीलगाय और सुरीले पक्षी भी है। पक्षियों का कलरव इतना मीठा एहसास कराता है की आगे जाने का मन ही नहीं करता । ठण्ड के दिनों में पक्षियों की बड़ी संख्या विशेष रूप से इस पार्क में आती है। यहां जानवरों के बाड़े पर उनकी महत्वपूर्ण जानकारियां भी दी गई है।

जब आप घूमकर थक जायें और आराम करना चाहे साथ ही आपको भूख भी लगी हो तो यहां वाइल्ड लाइफ कैफे भी है जिसमें आप प्रकृति का आनंद लेते हुए स्वादिष्ट खाने का मजा ले सकते है। कैफे के समीप ही विहार वीथिका है, यहां चित्रों और कुछ वास्तविक चीजों के माध्यम से जंगल तथा जंगली जानवरों के विषय में महत्वपूर्ण जानकारियां भी दी गई है। वनविहार का मुख्य द्वार बोट क्लब के पास से है, जहां से आप इस खूबसूरत जंगल में प्रवेश करेंगे और कभी ना भुलने वाली यहां की प्राकृतिक सुन्दरता और मनोरम दृश्य को समेटकर ले जायेंगे।

  4. बड़ा तालाब

badatalab
बड़ा तालाब शहर के पश्चिमी किनारे पर स्थित है। मानव निर्मित इस झील का निर्माण राजा भोज द्वारा 11वी सदी में किया गया। यहां की प्राकृतिक सुन्दरता सभी को आकर्षित करती है। यहां का बोट क्लब पानी के विभिन्न खेलों जैसे कयाकिंग, केनोइंग, राफ्टिंग, वाटर स्कीइंग, पैरासेलिंग आदि उपलब्ध कराता है। खाने-पीने हेतु विभिन्न स्वादिष्ट व्यंजन की भी व्यवस्था है। बोट क्लब के पास ही सफ़ेद बत्तख तो मनमोह लेती है, यदि इनके थोड़ा पास जाए तो ये ऐसे बोलती है जैसे हम एक दुसरे को बरसों से जानते हो, उनकी कुछ न कुछ गतिविधि चलती रहती है जैसे उनका एक पैर पर काफी समय तक खड़े रहना, पंख में मुह छुपा लेना, दुबक कर बैठ जाना तो कभी पानी में उतर कर अन्दर बाहर होते रहना बहुत ही आनंददायक है। झील के बीच में तकिया द्वीप भी है, जहां शाह चिराग अली रहमतुल्लाह का मकबरा बना है। बोट द्वारा इस द्वीप तक जाते हुए पलट कर देखें तो प्रकृति का खूबसूरत नज़ारा दिखाई देता है।

  5. छोटा तालाब

छोटे तालाब का सौंदर्य कमला उद्यान से बढ़ जाता है। यहां का शांत वातावरण मन को सुकून देने वाला है। पर्यटक यहां पानी के खेलों का आनंद ले सकते है। यह पहाड़ियों और बड़ी झील के बीच स्थित है, छोटी झील अपनी सुन्दरता से लोगो का ध्यान आकर्षित करती है।

  6. सैर-सपाटा

sairsapata
सैर-सपाटा मध्य प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम द्वारा विकसित किया गया है जो सभी उम्र के लोगो के मनोरंजन और प्रकृति का आनंद लेने के लिये खुबसूरत स्थान है। यह बड़े तालाब के किनारे पर स्थित है। यहां चिल्ड्रन टॉय ट्रेन, संगीतमय फव्वारा, ग्लास व्यू पाइंट, नेचरल ट्रेल, फ़ूड ज़ोन इसके अलावा स्लाईड, झूले, व अन्य चीजे भी है। संस्पेशन ब्रिज (झूला पुल) सैर सपाटा का मुख्य आकर्षण है जो पैदल यात्री पुल है। पर्यटक यहां पैडल बोटिंग का भी आनंद ले सकते है। प्राकृतिक नज़ारों के बीच रोमांचक मनोरंजन वाला सैर सपाटा एक बेहतरीन पिकनिक स्पॉट है।

  7. केरवा डेम

केरवा डेम हरियाली से भरा और ऊंची पहाड़ियों से घिरा एक खूबसूरत प्राकृतिक बांध है, जो पिकनिक का आनंद लेने के लिए शानदार स्थान है। केरवा डेम को पारिस्थितिकी पर्यटन के रूप में विकसित किया गया है जो शहर से करीब होने के बावजूद प्राकृतिक जंगल और सुन्दरता को बनाये रखता है। हरे भरे जंगल से भरपूर यह स्थान कोटरा सुल्तानाबाद बंद भोपाल से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। बारिश में तो यहां की प्राकृतिक सुन्दरता ऐसी लगती है जैसे कुदरत ने इसे सजा दिया हो। यहां के आसपास के घने जंगलों में शेर व अन्य जानवर विचरण करते है लिहाजा आबादी के आसपास ही रहे ।

यहां साहसिक खेलों का अपना ही मजा है, एडवेंचर लवर्स के लिए यह बेहतरीन स्थान है यहां केनोइंग, बोटिंग, पेंटबॉल, रैपलिंग, कयाकिंग, मंकी क्रॉलिंग, आर्चरी (तीरंदाजी), स्काय जिपिंग आदि साहसिक गतिविधियां होती है, मध्य प्रदेश ईको टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड प्राकृतिक सुन्दरता का आनंद लेने के साथ साहसिक खेलो को बढ़ावा दे रहा है। हरे-भरे जंगल से भरपूर इस स्थान में तनाव कम करने और शांति का जादू है।

  8. भीमबेटका की गुफाएं

यूनेस्को ने 2003 में इसे विश्व धरोहर स्थल घोषित किया। यह सबसे बड़ा गुफा समूह है। भीमबेटका की गुफाओं की चित्रकारियां यहां रहने वाले पाषाणकालीन मानव जीवन को दर्शाती है। यहां भारत के मानव जीवन के प्राचीनतम चिन्ह है, यह गुफाये मानव द्वारा बनाए गए शैल चित्रों और शैलाश्रयों के लिए भी प्रसिध्द है। गुफाओं की सबसे प्राचीन चित्रकारी को 1200 साल पुराना माना जाता है, इनकी विशेषता यहां के चट्टानों पर हजारो वर्ष पूर्व बनी चित्रकारी है, इसमे दैनिक कामकाज व वन्यप्राणियों के चित्र उकेरे गए है, कुछ मुख्य चित्र जैसे नृत्य, संगीत, शिकार करने, घोड़ो व हाथियों की सवारी, शरीर पर आभूषणों को सजाने और शहद जमा करने के बारे में है, अधिकांश तस्वीरें लाल और सफ़ेद रंग की है, कुछ पीले व हरे रंग के बिन्दुओं से सजी है। यहां लगभग 500 गुफाये है।

यह भोपाल से 46 कि. मी. की दूरी पर दक्षिण में मौजूद है, गुफाये चारो तरफ से विन्ध्य पर्वतमालाओं से घिरी हुई है, यहां की दीवारे धार्मिक संकेतो से सजी हुई है। यह घने जंगल, करारेदार चट्टानें, चट्टानी आश्रय-चित्रकलाओं का पुरातात्विक खजाने का समूह है।

  9. सांची

saanchi
मध्य प्रदेश के सांची गांव में स्थित सांची स्तूप प्रसिध्द पर्यटन स्थल है जो भोपाल से लगभग 46 किलोमीटर दूर है। यहां बौद्ध स्मारक है जो तीसरी शताब्दी ई. पू. से बारहवी शताब्दी के बीच के है यह प्रेम, शांति, साहस, धर्म और पवित्रता का प्रतीक माने जाते है। सांची स्तूप का निर्माण सम्राट अशोक ने तीसरी शती ई. पू. में बौद्ध धर्म के प्रचार-प्रसार हेतु कराया था। स्तूप एक ऊंची पहाड़ी पर निर्मित है जिसके चारो ओर सुन्दर परिक्रमा पथ है। मनुष्यों के अतिरिक्त पशु-पक्षी तथा पेड़-पौधो के जीवंत चित्र इस कला की मुख्य विशेषता है। यहां तीन स्तूप है और ये देश के सर्वाधिक संरक्षित स्तूपो में से एक है।

इनकी अर्द्धगोलाकार संरचनाओं की भव्यता, विशिष्टता और बारीकियां यहां आने पर ही पता चलती है। इसीलिए देश-विदेश से बड़ी संख्या में पर्यटक इस भव्य संरचना को देखने आते हैं। 1989 में यूनेस्को की विश्व विरासत स्थल सूची में शामिल होने के बाद से इसका महत्व बहुत बढ़ गया। एक खुबसूरत छोटी पहाड़ी पर स्थित इन स्मारकों में स्तूपों के अलावा गुप्तकालीन मंदिर और विहार आदि शामिल है। यहां पर्यटकों के लिए गाइड भी उपलब्ध है। और यहां फोटोग्राफी भी की जा सकती है।

10. भोजपुर

bhojpur
भोजपुर भगवान शिव को समर्पित भोजेश्वर मंदिर के लिए प्रसिध्द है, यह विशाल शिव मंदिर भोपाल से लगभग 30 किलोमीटर दूर स्थित है। भोजपुर स्थित शिवलिंग दुनिया के विशालतम शिवलिंगों में से एक माना जाता है, इसकी स्थापना धार के प्रसिध्द परमार राजा भोज द्वारा (1010 ई.-1053 ई. में) की गई थी। यह आंशिक रूप से 66 फुट से अधिक ऊंची दीवारों से बना हुआ है, मंदिर में बड़े पैमाने पर खुदी गुम्बद अधूरी होने पर भी शानदार दिखाई देती है जो चार स्तंभों के आधार पर खड़ी है। भोजपुर शिव मंदिर के सामने पश्चिम दिशा में एक गुफा है जो पार्वती गुफा के नाम से जानी जाती है इस गुफा में पुरातात्विक महत्त्व की अनेक मूर्तियां है। वर्ष में दो बार मकर संक्रांति और महाशिवरात्रि पर इस प्रसिध्द स्थल पर मेले का आयोजन किया जाता है। भोजपुर ऐतिहासिक दृष्टि से दर्शनीय स्थल है।

11. मनुआभान की टेकरी

manuabhan
भोपाल शहर के लालघाटी स्थित गुफा मंदिर के पास पहाड़ी को मनुआभान की टेकरी के नाम से जाना जाता है। मनुआभान राजा भोज का दरबारी था जो नये-नये तरीको से रूप बदलकर राजा का मनोरंजन किया करता था, बाद में वह अपना यह स्वभाव त्याग भगवत सिद्धि में लीन हो गया और मन्तुगाचार्य कहलाया। उसी के नाम पर टेकरी का नाम पड़ा जो अपभ्रंश होकर मनुआभान की टेकरी कहलाई। यह समुद्रतल से 1300 फीट ऊँची है, जहां से शहर का विहंगम दृश्य दिखाई देता है। यहां श्वेताम्बर जैन मंदिर है। लगभग 150 वर्ष पूर्व नवाब कुदसिया बेगम ने यहां उत्खनन कार्य करवाया था जिसमें तीर्थकर महावीर की प्रतिमा प्राप्त की गई। जिसे मंदिर में स्थापित कर दिया गया। श्वेताम्बर सम्प्रदाय के लोग इसे तीर्थ स्थल के रूप में मानते है। यहां पहुंचने हेतु रोड और रोप वे की भी व्यवस्था है।

12. ताज उल मस्जिद

tajulmasjid
ताज उल मस्जिद भोपाल में स्थित एशिया की सबसे बड़ी मस्जिदों में से एक है। गुलाबी रंग की इस विशाल मस्जिद की दो सफ़ेद गुम्बदनुमा मीनारें है और प्रवेश द्वार बेहद खूबसूरत है, मस्जिद में एक बड़ा हॉल है जिसमें कई नक्‍काशीदार खंभे खड़े हुए है, यह सभी संगमरमर के है। शाहजांह बेगम (1844-1901) ने इसका काम शुरू करवाया था जो 1985 में मौलाना सैयद हशमत अली साहब द्वारा पूरा कराया गया। इसके चारो ओर दीवारे है और बीच में एक तालाब है। इस मस्जिद की भव्‍य संरचना बहुत खूबसूरत है।

13. मोती मस्जिद

मोती मस्जिद की वास्तुकला बेहद सुन्दर है, इसका निर्माण संगमरमर और लाल पत्थर से किया गया, जो बहुत खूबसूरत है। इसे कुदसिया की बेटी सिकंदर जहां बेगम ने 1860 ई. में बनवाया था, मस्जिद की शैली दिल्ली में बनी जामा मस्जिद के समान है लेकिन आकार में उससे छोटी है। यहां लाल गहरे रंग की दो मीनारे है, ये ऊपर से नुकीली है जो सोने के समान लगती है। हर साल यहां हजारो पर्यटक घूमने के लिए आते है।

14. गौहर महल

गौहर महल बड़े तालाब के किनारे स्थित भव्य महल है, आतंरिक हिस्सों की खिड़कियों से बड़े तालाब का मनोरम दृश्य दिखता है। यह भोपाल रियासत का पहला महल है। गौहर महल का निर्माण नवाब कुदसिया बेगम (सन् 1819-37) के शासनकाल में 1820 में कराया गया था। महल के ऊपरी हिस्से में एक ऐसा कमरा है, जिससे पूरे शहर का खूबसूरत नजारा दिखता है। इसके दरवाजों पर कांच से नक़्काशी की गई है। महल की दीवारों पर लकड़ी के नक़्क़ाशीदार स्तंभ और मेहराबें हैं। स्तंभों पर आकृतियां और फूल-पत्तियों का अंकन है। इस महल को वास्तुकला का सर्वोच्च उदाहरण माना जाता है, यह महल हिन्दू और मुगल स्थापत्य कला का मिश्रण है। इस महल की खासियत इसकी सजावट है जो भारतीय व इस्लामिक वास्तुकला को मिलाकर की गई है जो इसकी खूबसूरती बढ़ाते है।

15. शौकत महल और सदर मंजिल

यह इस्लामिक और यूरोपियन शैली का मिश्रित रूप है जो पुरातात्विक जिज्ञासा को जीवंत कर देता है। यह शहर के बिचोबिच चौक एरिया के प्रवेश द्वार पर स्थित है। महल के समीप भव्य सदर मंजिल है, कहा जाता है भोपाल के शासक इस मंजिल का इस्तेमाल पब्लिक हॉल के रूप में करते थे। सदर मंजिल हॉल चारो तरफ से हरे भरे बगीचों से घिरा हुआ है जो इसे और सुन्दर बनाता है।

16. इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय

manavsangrahalay
यह विशाल पैमाने पर आदिवासी निवास स्थान का प्रदर्शन करने के लिए समकालीन आदिवासी संस्कृति और उनके गांव के वास्तविक आकर के आवासो को दर्शाती है यह अनोखा संग्रहालय श्यामला हिल्स पर स्थित है, यहां आदिवासी आवासों को उनके अनूठे रहन-सहन जैसे उनके बरतन, रसोई, कामकाज के उपकरण, अन्न भंडार, द्वार तथा परिवेश को हस्तशिल्प, देवी-देवताओं की मूर्तियों और स्मृति चिन्हों से सजाया गया है।

17. रवीन्द्र भवन

रवीन्द्र भवन कला प्रदर्शन केंद्र है यहां सामजिक, सांस्कृतिक और शासकीय कार्यक्रमों का आयोजन होता रहता है। यह भवन राजभाषा व संस्कृति संचालनालय के अंतर्गत कार्यरत है इसके दो रंगमंच है एक सभागृह के अन्दर और दूसरा बाहर है। भवन अपने उद्यान के सौन्दर्य से शानदार लगता है। श्यामला हिल्स पर स्थित इस भवन का उद्घाटन 1962 में प्रो. हुमायू कबीर द्वारा किया गया था।

18. पुरातात्विक संग्रहालय

पुरातात्विक संग्रहालय राज्य के विभिन्न भागो से लाई गई मूर्तियों का एक शानदार संग्रह है। यह मध्यप्रदेश की सम्रद्ध सांस्कृतिक विरासत सिक्के, खुदाई की कलाकृतियां, चित्रों, आदिवासी हस्तशिल्प, संगीत वाद्ययंत्र को प्रदर्शित करता है। यह संग्रहालय बनगंगा रोड पर स्थित है।

19. जनजातीय संग्रहालय

janjaatisangrahalay
श्यामला हिल्स स्थित जनजातीय संग्रहालय में प्रदेश के जनजातीय जीवन, पहनावा, परम्परा, आभूषणों तथा जीवनपयोगी वस्तुओं आदि को प्रदर्शित किया गया है।

20. गायत्री मंदिर

एम. पी. नगर स्थित गायत्री मंदिर में हेल्थ पार्क है जिसमें वाकिंग हेतु विशेषरूप से एक्युप्रेशर पथ बनाया गया है और एक जूस सेंटर भी है जिसमें आप बहुत ही कम कीमत में फलों व सब्जियों के जूस का सेवन कर सकते है।

21. गुफा मंदिर

gufamandir
गुफा मंदिर लालघाटी पहाड़ी पर स्थित है। माना जाता है की वर्ष 1949 में संत नारायण दास जी ने इस गुफा में एक शिव मंदिर की स्थापना की इसलिए इसे गुफा मंदिर कहा जाता है। गुफाओं में झरने के निचे स्थित शिवजी, हनुमानजी की प्रतिमाएं लुभावनी है मंदिर में मां दुर्गा, राम-लक्ष्मण, सीताजी की भी सुन्दर प्रतिमाएं स्थापित है। मंदिर परिसर के साथ संस्कृत महाविद्यालय भी स्थित है। गुफा मंदिर ऐतिहासिक, शांत व सुन्दर है। यहां का सौन्दर्य देखने लायक है, यहां दुनिया के विभिन्न भागो से श्रद्धालु बड़ी संख्या में दर्शन के लिए आते है। गुफा मंदिर बहुत आकर्षक है।

उपर्युक्त पर्यटन स्थलों के साथ-साथ अन्य पर्यटन स्थलों में मयूर पार्क, वर्धमान पार्क, एकांत पार्क, बी.एच.ईएल, हलाली डेम, गोलघर, जहानुमां पैलेस, चिनार पार्क, डी.बी. सिटी माल, आशिमा माल आदि भोपाल को खूबसूरत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है।

श्रद्धा मोरसिया (शोधकर्ता)
October 2015








Email:


Comment:



Comments:


Greg
12:23:05am 14Jun2025
---Spam

Fredericka
08:35:26am 29Apr2025
---spam

Leonardo
02:49:54am 04Apr2025
---spam

Vikash Rao
01:05:37pm 07Mar2018
Nice

Vikash Rao
01:05:09pm 07Mar2018
Hiiii

Anurag
12:12:23pm 26Jan2018
Bahut sundar

Ramji patel
12:42:26am 14Nov2017
Very nice Bhopal

prakash
02:37:58pm 08Sep2017
majaa hi aa gaya

Nikhil Kushwah
02:21:06pm 29Jul2017
Bhopal is a very beutiful city an d (AGAR KISI NE BHOPAL NAHI DEKHA TO KUCH NAHI DEKHA)

Gmail.kushwahnitesh0@gmail.com
Facebook.nitesh.kushwah.143

JITENDRA SAIN
07:42:12am 27Jun2017
Nice bhopal

pintukumar
11:34:06am 21Jun2017
Kahete hai log ki sunne aur Padhne se kuchh khushi aur Kuchh pyar aehsas hota Bhopal ki ye sundarta ye chhalakti jharne bahut hi sundar hai na Jane hakikat me is sundarta ko Kab dekho jindagi me Kabhi na Kabhi jaroor Aayenge ek dulhan ko dekhne jo dulhan ka livas pahane saj savar kar baithi hai Bhopal
I love you Bhopal

pintukumar
11:33:40am 21Jun2017
Kahete hai log ki sunne aur Padhne se kuchh khushi aur Kuchh pyar aehsas hota Bhopal ki ye sundarta ye chhalakti jharne bahut hi sundar hai na Jane hakikat me is sundarta ko Kab dekho jindagi me Kabhi na Kabhi jaroor Aayenge ek dulhan ko dekhne jo dulhan ka livas pahane saj savar kar baithi hai Bhopal
I love you Bhopal

Virendra Verma
01:32:24pm 20May2017
Supar city Bhopal

Gyandas vaishya
11:50:03pm 12Jan2017
Very nice

sakshi
08:54:02am 06Jan2017
lovely & beautiful

Ramakant
02:07:05pm 06Oct2016
इसीलिए तो हम महीने में एक बार जरूर भोपाल आ जाते है ।

VISHAL RSS
2016
His Wander full Bhopal City

Neelima Raghuvanshi
2016
Very nice

Adarsh Prajapati
2016
Mai bhi ghoomna chahunga bhopal

चन्दमणी मरावी (माडागौर डिंडौरी)
2016
मुझे लगता है मैं अपने परिवार सहित यहाँ पर रहूं (How sweet city ,)

Krishn Kumar Rajpoot Bira Rath Hmirpur UP
2016
Good City अति सुंदर

S Kumar
2016
All very well place

Vasu
2016
Very nice

Sanjay Mahajan
2016
Wow...very good information.

Deepak Ray
2016
Very nice

Simran
2016
Beautiful city Bhopal ☺

Shivangi
2015
Awesome....hum dec me ayengy dear

Shonty
2015
Humko b ghoomna h bhopal

Priyanka
2015
Very very nice

Ritu
2015
हम जरूर आएंगे

Rakhi
2015
Superb and lovely knowledge about bhopal

Roshna
2015
Well done... I am excited to visit some of these places. ...like ser sapata and many more .... Thanks for giving us this information about our city....proud of u....

Priya Shukla
2015
Very Nice

Rohit Shrivastava
2015
Superb...

Pooja Gupta
2015
LovEly Bhopal

Shilpa
2015
Nice Dear !

Rahul Joshi
2015
Awesome... Bhopal aana padega

Anamika
2015
Very nice

Niharika
2015
Nice one

Sharmin
2015
Lovely City Bhopal


  • Just

    Try

    Art

    Copyright © 2015-2017 Just Try Art. All Rights Reserved.